राजस्थान चुनाव आयोग ने माह जनवरी और मार्च २०२० में ७४६३ पंचायत समितियों में सरपंच और पंच के चुनाव सम्पादित करवाए थे और बाद में कोरोना महामारी के कारण चुनाव स्थगित कर दिए थे। अब जब कोरोना का प्रभाव कुछ काम हो रहा है तो फिर से बची हुयी पंचायत समितियों में चुनाव करवाने की तैयारियों के मद्देनजर विस्तृत गाइडलाइन जारी की गयी है। इस गाइड लाइन में चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान अपनायी जाने वाली प्रिक्रिया की नियमावली बनाकर उसके तहत बचे हुए चुनाव सम्पन करवाने का आह्वान किया गया है। हालाँकि अभी चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गयी है किन्तु इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव आयोग विभिन्न जिलों से तैयारियों कि समीक्षा के पश्चात्त तिथियों का एलान करेगा।

अभी हाल ही में जारी किये गए एक प्रपत्र के अनुसार ३८५० पंचायतो के चुनाव करवाने बाकि है जिसके बारे में चुनाव आयोग तेजी से काम कर रहा है। विस्तृत पत्र के लिए यहाँ क्लिक करे।

कोरोना के चलते इस बार निर्वाचन आयोग अतिरिक्त सतर्कता बरतने के उपाय कर रहा है जिस से आम जान को इस महामारी से बचाया जा सके। इसके लिए भी एक विस्तृत गाइड लाइन तैयार की गयी है और समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसकी अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। इस गाइड लाइन हेतु यहाँ क्लिक करे।
सौ बात कि एक बात
अब जब एक बार फिर से चुनाव कि सुगबुगाहट शुरू हो गयी है तो जाहिर है कि भावी सरपंचो और पंचो के मन में लड्डू फूटने शुरू हो जायेंगे। और उनके चेले चपाटो के भी घुघरे बंध जायेंगे, ऐसे में गांव की जनता को फिर से जागरूक होके इस बात का निर्णय करना होगा कि जिसे वो अपना वोट देने का मानस बना रहा है क्या वो पुरे पांच साल में गांव का विकास करने के लायक भी है या नहीं!
एक खास बात, अगर कोई कैंडिडेट आपको शराब या पैसे के बदले वोट मांगता है तो सतर्क हो जाइएगा, क्योंकि वो अगर सरपंच बन गया तो सबसे पहले अपने शराब के पैसे वसूल करेगा ना कि गांव का विकास करेगा।
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Story: Surendra Singh Tetara
Photo Credit: Google
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इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले (Entrance Exam) के लिए होने वाली NEET और JEE की परीक्षा को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच ये परीक्षा कराई जाए या न कराई जाए, इस पर बहस छिड़ी हुई है। लेकिन अब इस विवाद में राजनीति भी तेज हो गई है। एक तरफ जहां विपक्ष को बैठे बिठाये सरकार के विरोध का मुद्दा मिल गया वही इस परीक्षा में बैठने वाले छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गयी है। एक अनुमान के अनुसार लगभग ९० प्रतिशत से भी ज्यादा छात्रों ने अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड भी कर लिया है।

इस बात में कोई शक नहीं है की इस परीक्षा करवाने पर छात्रों में कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बनेगा लेकिन इस बात के दूसरे पहलु पर भी गौर किया जाना अति आवश्यक है, इस परीक्षा के न होने से सभी प्रकार के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन नहीं हो पायेगा और जिन छात्रों ने पुरे साल इसकी तैयारी की है उनका पूरा साल ख़राब हो जायेगा। इसके साथ साथ ये भी बात गौर करने लायक है की अगर इस परीक्षा को देर से करवाया गया तो छात्रों को अपनी पढाई के लिए पूरा समय नहीं मिलेगा और वे परीक्षा में ठीक से पूरी नहीं कर पाएंगे।
इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय, इग्नू, लखनऊ विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी दिल्ली और लंदन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय के भारतीय १५० से भी ज्यादा प्रोफेसर्स ने प्रधान मंत्री को पत्र लिख कर इस परीक्षा करवाने की मांग की है। इन विदवेत्ताओं ने कहा है कि भारत में कुछ लोग राजनितिक फायदे के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने कि कोशिश कर रहे है जो कि बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इन प्रोफेस्सोर्स ने सरकार पर भरोसा जताते हुए लिखा है कि “हम मानते हैं कि केंद्र सरकार पूरी सावधानी बरतते हुए जेईई और नीट परीक्षाएं आयोजित कर लेगी, ताकि छात्रों के भविष्य का ध्यान रखा जा सके और 2020-21 के लिए अकादमिक कैलेंडर तैयार किया जा सके। “
सौ बात की एक बात
राजनितिक एजेंडा चलाने वाले दलों की बात तो समझ में आती है कि उनके पास वर्तमान में कोई मुद्दा नहीं है लेकिन सोचने वाली बात ये है कि एक तरफ तो सरकार बाजार खोलने, मेट्रो चलाने और ये जताने कि कोशिश करने में लगे हुए है कि कोरोना पर काबू पाया जा रहा है (दिल्ली का उदहारण ले ले), वही इस बात पर जोर दे रहे है कि छात्रों को कोरोना हो जायेगा। यह ये गौर करने वाली बात है कि जो छात्र NEET JEE का एग्जाम देंगे वे इतने तो जरूर समझदार होंगे कि अपना ध्यान इस महामारी से रख सके।
दूसरी बात ये है कि क्या आप सब लोग उन सब लोगो को भूल चुके है जो कोरोना के इस भयंकर काल में भी दिन रात सड़क पर, अस्पताल में, और दूसरी जगहों पर ड्यूटी कर रहे है ? क्या उन लोगो को कोरोना का डर नहीं है? क्या आप लोगो को उन लोगो कि संख्या पता है कि कितनी संख्या में है जो मात्र २८ लाख छात्रों के लिए इतना हो हल्ला मचा रहे हो ? क्या सरकार को ये बात पता नहीं कि इन सब छात्रों को कैसे सुरक्षित रखते हुए परीक्षा का आयोजन करवाया जाये ?
उम्मीद है सरकार और छात्र इस बात को समझते हुए फैसला लेगी और जहां तक सुप्रीम कोर्ट का सवाल है वो तो इन सब बातो को बहुत ही बारीकी से देख ही रहा है।
Story: Surendra Singh
Photo source: Google
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झुंझुनू में सक्रिय हुयी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, क्या कर पायेगी चूरू जैसा धमाकेदार प्रदर्शन ?
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना जो कि एक सामाजिक संगठन है ने पिछले कुछ समय में अपने कार्यो से राजस्थान में एक अलग पहचान बनायीं है, संगठन का कार्य समाज में होने वाली समसामयिक घटनाओ में किसी भी जाति या धर्म के व्यक्ति के साथ हुए अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाना और न्याय दिलाने में महत्ती भूमिका निभाना रहा है। संगठन के मुखिया श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी आज सम्पूर्ण भारत में समाज के दबे कुचले, शोषित, वंचित और पीड़ित लोगो के हक़ में आवाज उठाने के लिए जाने जाते है। इसके अलावा सुखदेव सिंह वर्तमान में युवाओ में राष्ट्रीयता और देशप्रेम की ज्वाला प्रज्वलित करने का चर्चित चेहरा बन गए है। वर्तमान में युवाओ को साथ जोड़ने और नेतृत्व में उनका साथ श्री राज सिंह शेखावत जो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, देते है। इसके अलावा श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में युवा साथियो की एक कुशल और मजबूत टीम है जो धरातल पर हर सामाजिक मुद्दे पर अपना योगदान देने हेतु सदैव तत्पर रहती है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना राष्ट्रीय स्तर चर्चित मुद्दों पर सदैव अपना पक्ष रखा है और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में आगे रहे है इसमें चाहे पद्मावत फिल्म में राजपूती इतिहास के साथ छेड़छाड़ का मामला, सांवराद में आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर का मामला, स्वर्ण आरक्षण मामले में विधान सभा के घेराव, २०१८ में लाल चौक श्री नगर में तिरंगा लहराने का मामला, और वर्तमान में सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में सी बी आई जाँच की मांग का मामला हो। इन सभी सामाजिक मुद्दों में करणी सेना ने अपनी सक्रियता से सभी राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों की नींद उड़ने का काम किया है और सम्बंधित जिम्मेदार लोगो को अपनी जिम्मेदारी का एहसास करवाया है।
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है किन्तु राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के परिदृश्य में देखा जाये तो संगठन ज्यादा उभर कर कर दिखाई देता है, खासकर राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र जहा संगठन हर क्षेत्रीय मुद्दे पर समाज में अग्रणी भूमिका निभाता है। शेखावाटी भूभाग के चूरू जिले में संगठन की सक्रियता पिछले एक साल से निरंतर बढ़ी है जब से श्री संदीप सिंह चैनपुरा बड़ा ने कमान संभाली है। आज चूरू जिले के लगभग हर ब्लॉक पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रही है। संदीप सिंह इस से पहले गुजरात में भी करणी सेना में भी संगठन के सक्रिय सदस्य रहे है। वही दूसरी और सैनिक जिले के रूप में सम्पूर्ण देश में पहचान बनाने वाले झुंझुनू जिले में इस संगठन का कर सिमित रूप से चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री मनोहर सिंह घोड़ीवारा इस संगठन का झुंझुनू से नेतृत्व कर रहे है और वर्तमान में कार्यकारणी विस्तार पर कर चल रहा है।

सौ बात की एक बात
सौ बात की एक बात ये है कि जिस तरह से संगठन का कार्य चूरू में संदीप सिंह के नेतृत्व में चल रहा है क्या श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की झुंझुनू इकाई कर पायेगी?
वर्तमान में संगठन को जिले में मनोहर सिंह घोड़ीवारा के ऊर्जावान और जुझारू नेतृत्व के साथ युवा समर्थन और सहयोग की सख्त जरुरत है जो पंचायत स्तर पर अपने कार्यकर्ता तैयार कर सके और नयी कार्यकारणी का गठन करते समय शायद शीर्ष नेतृत्व इस बात को अवश्य ध्यान में रखेगा।
Story: Surendra Singh Tetara
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गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर समस्त देश एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।

गोगा नवमी पर्व 2020 की हार्दिक शुभकामनाये।
नीले घोड़े वाला मेरा भगवान है
बाबा जाहरवीर बड़ा दयावान है

जन जन की आस्था के प्रतिक, गो रक्षक, देश भक्त और लोक देवता जाहरवीर श्री गोगा जी महाराज के पर्व गोगा नवमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये।